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कोलकाता में लिव-इन संबंधों का काला अध्याय: फोटोग्राफर की गर्लफ्रेंड द्वारा हत्या

कोलकाता, पश्चिम बंगाल में एक लिव-इन रिलेशनशिप का घातक अंत होने की घटना ने समाज को हिलाकर रख दिया है। एक 32 वर्षीय प्रतिभाशाली फोटोग्राफर, सार्थक दास, की उनकी लिव-इन पार्टनर और गर्लफ्रेंड, संहति पॉल, द्वारा चाकू मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। संहति पॉल, एक पेशेवर मेकअप आर्टिस्ट, जो पहले से ही एक तलाकशुदा महिला हैं और उनका एक बेटा भी है, इस भयानक कृत्य की मुख्य आरोपी हैं।

इस घटना की शुरुआत एक फेसबुक पोस्ट से हुई, जिसमें सार्थक ने अपने, संहति और उसके बेटे की एक ‘फैमिली’ फोटो शेयर की थी। इस पोस्ट ने अनजाने में एक ऐसी घटना की शुरुआत की, जिसका अंत दुखद और विनाशकारी रहा।

आरोपी और पीड़ित के बीच के संबंधों की परतें जटिल और गहन थीं। सार्थक और संहति की मुलाकात कुछ वर्षों पहले हुई थी, और उनके बीच प्रेम संबंध विकसित हो गया था। इस दंपति ने एक साथ रहने का निर्णय लिया था, जो भारतीय समाज में अभी भी विवादास्पद विषय है। लेकिन उनके रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव आए, जिसके चलते इस घटना का निर्माण हुआ।

सार्थक की हत्या की खबर ने न केवल उनके परिवार और मित्रों को, बल्कि पूरे समाज को भी गहरे शोक में डुबो दिया है। यह घटना समाज में लिव-इन संबंधों की स्वीकृति और सुरक्षा के प्रश्नों को उठाती है। इसने समाज में लिव-इन संबंधों के प्रति दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला है, जिसे अभी भी कई लोगों द्वारा संदेह की नज़रों से देखा जाता है।

सार्थक की मौत की जांच जारी है, और संहति पॉल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है, और न्याय की प्रक्रिया अपना काम कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर से समाज में सुरक्षा, विश्वास, और संबंधों की स्थिरता के महत्व को रेखांकित किया है।

इस दुखद घटना से उठने वाले सवाल अनेक हैं: क्या लिव-इन संबंधों में सुरक्षा और स्थिरता की कमी है? क्या समाज को इन संबंधों को अधिक स्वीकार्य बनाने के लिए अपने दृष्टिकोण में बदलाव करने की आवश्यकता है? और क्या इस तरह की घटनाएं लिव-इन संबंधों की सामाजिक स्वीकृति को प्रभावित करती हैं?

इस घटना के माध्यम से, हमें उन जटिलताओं और चुनौतियों को समझने की आवश्यकता है जो लिव-इन संबंधों में आ सकती हैं। समाज को इन संबंधों के प्रति एक अधिक खुला और समर्थनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, जबकि साथ ही सुरक्षा और सम्मान के मानदंडों को बनाए रखना चाहिए।